Alankar in music in hindi



































स्वरों की नियमबद्ध रचना या नियमित वर्ण समुदाय को अलंकार कहते हैं। अलंकार को 'पलटा' भी कहते हैं, अलंकार का शाब्दिक अर्थ है, आभूषण जो कि शरीर की शोभा बढ़ाते हैं। उसी प्रकार अलंकारों के प्रयोग से गायन-वादन की शोभा स्वत: बढ़ जाती है। संगीत के प्रारम्भिक विद्यार्थियों की शिक्षा अलंकार से ही प्रारम्भ की जाती है। प्रत्येक अलंकार में स्वरों का एक निश्चित स्वर समुदाय मध्य सा से प्रारम्भ होकर क्रम से ऊपर चढ़ते हुए तार सां पर जाकर समाप्त होता है। उसी प्रकार तार सां से क्रम नीचे उतरता हुआ जहाँ से प्रारम्भ हुआ था वहीं पर समाप्त किया जाता है। अलंकारों की संख्या अनगिनत हो सकती है। इसका उद्देश्य संगीत के प्रारम्भिक विद्यार्थियों को स्वर ज्ञान, तानों की तैयारी, गले की तैयारी कराना होता है। कुछ अलंकारों के उदाहरण









Post a Comment

2 Comments