Naad and types of Naad ( नाद और नाद के भेद )











तानपूरा अथवा सितार के खींचे हुये तार को आघात करने से तार कम्पन करता है और ध्वनि उतपन्न होता है। संगीत मै नियमित कम्पन (आंदोलन) द्वारा उत्पन्न ध्वनि का उपयोग होता है, जिसे नाद कहते हैं। जब किसी ध्वनि की कम्पन कुछ समय तक चलती रहती है तो उसे स्थिर आंदोलन और जब उसी ध्वनि की कम्पन समान गाती वली होती है तो उसे नियमित आंदोलन कहते हैं। शोर-गुल, कोलाहल आदि ध्वनियों में अनियमित और अस्थिर आंदोलन होने के कारण संगीत में इनका प्रयोग नही होता। नाद मधुर होती है और संगीत में इसी ध्वनि का उपयोग होता है।
























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